हिंदी में पुस्तकें
हिंदी आलोचना : अतीत और वर्त्तमान, हिंदुस्तानी अकादेमी, अलाहबाद,1988
महत्वपूर्ण हिंदी लेखन की प्रासंगिकता पर निबंध, इतिहास से लेकर भविष्य में
जहाँ शब्द है: माचवे प्रकाशन,1993
प्रभाकर माचवे की हिंदी कविताएं का संग्रह |
कबीर: साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, 1 9 68
15 वीं शताब्दी के एक धार्मिक शिक्षक और कवि कबीर की माचवे की समझ,